गृह उद्योग की स्थापना के सबसे अच्छे विकाप्ल्प के रूप में आज कपड़ा धोने का साबुन बनाना है I आप निम्नलिखित कपड़ा धोने का साबुन बनाने की विधि के द्वारा आसानी से साबुन का निर्माण कर सकते है, तथा बाजार में बेंच कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं I कपड़ा धोने का साबुन जमने वाले तेल से बनाया जाता है I जमने वाले तेल को ठण्डा तेल भी कहते हैं I नीम, महुआ, अरंडी, धान, साल आदि अखाध जमने वाले तेल हैं, जिनका प्रयोग सामान्यतः साबुन बनाने में किया जाता है I डालडा घी का इस्तमाल भी किया जा सकता है I स्थानीय स्तर पर इन तेलों में जो भी सस्ता व सुविधाजनक हो, इस्तेमाल किया जा सकता है I
कपड़ा धोने का साबुन बनाने की सामग्री :–
- अखाध तेल (जमने वाला तेल) – 1 किलो
- कास्टिक सोडा – 250 ग्राम
- कपड़ा धोने का सोडा – 250 ग्राम
- मैदा/बेसन/आटा/सबका मिश्रण – 500 ग्राम
- पानी – 3 लीटर
कपड़ा धोने का साबुन बनाने का उपकरण :-
- 2 प्लास्टिक बाल्टी
- मोटी लकड़ी का गोल डंडा
कपड़ा धोने का साबुन बनाने की विधि :-
- 5 लीटर पानी बाल्टी में लेकर उसमें 500 ग्राम आटा/बेसन/मैदा (जो भी प्रयोग करता है) को अच्छी तरह घोल लें ताकि गुठली न रह जाय I
- दूसरी प्लास्टिक बाल्टी में 5 लीटर पानी लेकर, 250 ग्राम कास्टिक सोडा डालें और डंडे से चलाएँ I घुलने के बाद 250 ग्राम कपड़ा धोने का सोडा भी डाल दें और लकड़ी से ही मिलाएँ I
- दूसरे नम्बर की बाल्टी (सोडे के घोल वाली बाल्टी) में 1 किलो तेल एक साथ दाल दें और तुरंत ही एक नम्बर की बाल्टी की समाग्री भी एक साथ दाल दें I दूसरा व्यक्ति डंडे से तेजी से घुटाई करें, घुटाई सामान्यतः 5 मिनट तक की जाय I इतने समय में ही कास्टिक की गंध आने लगेगी, तब घुटाई बंद कर दें I
- बाल्टी से इस समाग्री को जीस बर्तन (सामान्यतः चौकोर/गोल प्लास्टिक तब अथवा ट्रे) में जमाना है, उलट दे तथा 14-15 घंटे जमने के लिए छोड़ दें I इसके बाद इच्छानुसार आकार की बट्टियाँ काट लें तथा पैकिंग कर दें I
सावधानियाँ :-
- एल्युमिनियम या अन्य धातु की बाल्टी का प्रयोग किसी भी स्थिति में न करें I
- कास्टिक सोडा को खुला न छोड़ें, अन्यथा वातावरण की नमी सोखकर पानी बन जाएगा I
- कास्टिक सोडा अथवा उसके घोल को हाथ से न छुएँ I
- सोडा बाल्टी में तेल डालने के साथ ही आटे का घोल डालें I यदि आटा घोल डालने में देरी हुई तो आटे का घोल फट जाएगा I
- बाल्टी नं०- 1 एवं 2 की सामग्री की लुगदी बनाने हेतु घुटाई कास्टिक सोडा की गंध आने तक ही की जाय I अधिक घुटाई करने पर लुगदी तेल छोड़ देगी और वह जमेगी नहीं I
सामान्यतः वजन बढ़ाने तथा साबुन में कड़ापन लाने के लिए डोलमाइट/स्टोन पाउडर का प्रयोग किया जाता है, परन्तु इससे साबुन की क्वालिटी अच्छी नहीं होती I अनुभव से यह पाया जाता है कि आटा या बेसन डालने से कई लाभ होते हैं I इससे ठोंसपन व वजन बढ़ाने के साथ-साथ साबुन हाथ नहीं काटता, मैल अच्छी तरह हटाता है और कपड़े में कलफ का काम भी करता है I
अनुभव से यह भी पाया गया है कि ताजा बना हुआ साबुन मैल तो काटता है पर झाग कम देता है I वही साबुन 8-9 रूपए प्रति किलो आती है I
कृपया ध्यान दें :-
कपड़ा धोने का साबुन बनाने की विधि को जान कर आसानी से आप साबुन बना सकते हैं तथा आप इसको बाजार में बेच कर मुनाफा कम सकते हैं I साधन सविधा ट्रस्ट गृह उद्योग को बढ़ने के लिए प्रयास कर रहा है एवं आप सभी से सहयोग की अपील करता हैI आज के परिवेश में हमें प्रकृति की उदारता को परखना चाहिए एवं आप को ये ध्यान रखना चाहिए की हम सभी एक दुसरे की मदद के द्वारा ही आनंदमय जीवन यापन करेंगे I