चन्दन का शर्बत बनाने की विधि

चन्दन का शर्बत बनाने की विधि के बारे में जाने

यह शर्बत गर्मियों के मौसम में गले की खुश्की दूर करके तरावट देता है और इसका फार्मूला यह है :-

  1. चन्दन का बुरादा –  100 ग्राम
  2. चीनी –  500 ग्राम
  3. पानी –  1 लीटर
  4. पोटेशियम मेटा बाई सल्फेट –  3 ग्राम   (सरक्षक पदार्थ के रूप में )
  5. साइट्रिक ऐसिड (टाटरी) –  2 ग्राम
  6. पीले रंग का फूड कलर –  2 ग्राम
  7. सन्दल एसेन्स –  2 सी०सी०

बनाने की विधि :-

     एक साफ बर्तन में चन्दन का बुरादा और पानी डालकर रातभर भीगा रहने दें I दूसरे दिन इसे साफ हथेलियों से मसल लें ताकि बुरादे का अधिक सत्व पानी में आ सके, अब इस घोल को साफ तथा महीन कपड़े में से छान लें और इस छने हुए घोल में चीनी घोलकर, स्टेनलैस स्टील की या कलई की हुई किसी कड़ाही इत्यादि में डालकर आंच पर पकाएँ I साइट्रिक भी इसमें पीसकर घोल लें I पकते समय इस चाश्नी में मैल के जो झाग से आये उन्हें किसी पौनी इत्यादि से उतारते जाएँ और किसी कनस्तर इत्यादि में जमा करते रहें, क्योंकि इसमें चीनी का भी काफी अंश होता है, और उसे साफ करके पुनः घोला जा सकता है I पकते – पकते जब थर्मोमीटर से देखने पर इस चाश्नी का तापक्रम 212 डिग्री फारनहाइट तक पहुँच जाय तो ‘पोटेशियम मेंटा बाइसल्फेट’ भी इसमें घोल लें और फिर बर्तन को आंच से निचे उतार लें I जब इसमें पड़ा शर्बत कुछ ठण्डा हो जाय तो इसमें रंग और एसेन्स भी अच्छी तरह घोल लें I फिर इसे आवश्यकतानुसार साइज की बोतलों में पैक कर लें I

नोट :-

(1) इस शर्बत में अलग से रंग तथा एसेन्स मिलाना जरुरी है I रंग केवल इसलिए मिलाया जाता है जिससे यह देखने में आकर्षक लगे और एसेन्स मिलाने से इसका स्वाद और सुगन्ध दोनों की कमी दूर करने में सहायता मिलती है I

(2) ‘साइट्रिक ऐसिड’इसलिए मिलाया जाता है क्योंकि इसे उचित अनुपात में मिलाने से शर्बत में दाना नहीं बनता और स्टॉक में पर्याप्त दिनों रखा रहने पर भी चीनी इसमें अच्छी तरह घुली – मिली रहती है I तली में नहीं बैठती I परन्तु साइट्रिक ऐसिड उचित अनुपात से अधिक मिलाया गया, तो शर्बत में खट्टापन आ जाता है I

(3) शर्बत में ‘पोटेशियम – मेटा’ बाइसल्फेट को उचित अनुपात में मिलाने से यह लाभ होता है कि इसके प्रभाव से शर्बत काफी दिनों तक रखा रहने पर भी सड़ता नहीं I उसमें फफूँद – सी नहीं पड़ती I

(4) यदि शर्बत आवश्यकता से अधिक पकाया जायगा तो स्टॉक में कुछ दिनों तक रखा रहने पर इसमें चीनी निचे बैठ जाती है और यदि शर्बत आवश्यकता से कम पका होगा तो यह पतला रहेगा और इसका स्वाद भी कच्चा – सा रहता है I अतः शर्बत को ठीक – ठीक अनुपात में पकाने के लिए इंडस्ट्रियल थर्मोमीटर की सहायता लेना बहुत सुविधाजनक रहता है I जब इससे देखने पर शर्बत का तापक्रम 212 डिग्री फारनहाइट तक पहुँच जाय तो इसका मतलब यह है कि शर्बत ठीक – ठीक पक चुका है I

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