आप इस च्यवनप्राश बनाने की विधि द्वारा असानी से च्यवनप्राश बनायें
समाग्री :-
- हरा पक्का आँवला – 1 किलो
- जड़ी-बूटियों का जौकुट पाउडर – 300 ग्राम
- देशी घी – 100 ग्राम
- चीनी – 1.5 किलो
- शहद – 100 से 150 ग्राम
- नीम्र सामान का पाउडर – 100 ग्राम
नीम्र सामान को उनके सामने अंकित मात्रा में धूप में सुखाकर अलग – अलग मिक्सी या सिलबट्टे से बारीक पीस कपड़े से छानकर पाउडर तैयार करें I
- वंश लोचन – 15 ग्राम
- छोटी पिप्पली – 12 ग्राम
- लौंग – 10 ग्राम
- तेजपत्र – 6 ग्राम
- दालचीनी – 6 ग्राम
- नागकेशर – 6 ग्राम
- इलाइची बीज – 6 ग्राम
नोट :-
वंशलोचन शुद्ध न मिलने के कारण उतनी ही मात्रा में प्रवाल, श्रृंगमुक्त शुद्धी को 5-5 ग्राम मिलकर डालें I
च्यवनप्राश की जड़ी – बूटियाँ – जिसका जौ कूट पाउडर बनाया जाता है
(प्रति किलो आँवला पर – 7 ग्राम)
- बेल छाल, 2. अग्रि मंथ (अछाल), 3. श्योनाक, 4. गम्भारी छाल, 5.पाढ़ल छाल, 6. शालपर्णी, 7. प्रष्टिपर्णी, 8. मुंगपर्णी, 9. माषपर्णी, 10. गोखरू पंचांग, 11. छोटी कटैली, 12. बड़ी कटैली, 13. बला मूल, 14. पिप्पली मूल, 15. काकड़ासिंगी, 16. भुई आँवला, 17. मुनक्का, 18. पुष्कर मूल, 19. अगर, 20. बड़ी हरड़, 21. लाल चन्दन, 22. नीलकमल, 23. विदारी कंद, 24. अडूसा मूल, 25. काकोली, 26. छीर काकोली, 27. ऋद्धी, 28. सिद्धी, 29. जीवक, 30. ऋषभक, 31. मेदा, 32. महामेदा, 33. कचूर, 34. नागरमोथा, 35. पुनर्नवा, 36. बड़ी इलायची, 37. गिलोय, 38. काक नासिका I
इन जड़ी-बूटियों को जौ के बराबर बारीक पीस लें I अगर जड़ी-बूटियाँ उपलब्द न हों, तो 40 ग्राम अस्रव्गंधा, 40 ग्राम शतावर, 40 ग्राम प्रज्ञापेय लेकर च्यवनप्राश की जड़ी-बूटियों की जगह इनका क्वाथ बनाकर भी पौष्टिक प्राश बनाया जा सकता है I
नोट :-
25 से 32 तक की जड़ी-बूटियाँ अगर उपलब्द नही हैं, तब उनकी जगह अस्रव्गंधा, शतावत, विदारी कंद, बहारी कंद का उपयोग उतनी ही मात्रा में कर लें I
बनाने की विधि :-
- जौ कूट पाउडर को एक किलो पानी में 24 घंटे पहले भिगो दें I
- एक किलो हरा आँवला और आधा किलो पानी को कूकर में रखकर 3 सीटी देवें I फिर कूकर 15 मिनट पश्चात् खोलें I
- आँवला कूकर से निकलते जाएँ एवं दबाकर गुठली अलग कर साथ-साथ चलनी में घिसते जाएँ (हल्के गर्म आँवले जल्दी घिस जाते हैं) I कूकर के जल को स्टील के बर्तन में रखें, फेंकें नहीं I पके आँवले का पानी ही मिलाएँ कच्चे आँवले का जल कड़वाहट लाता है I
- आँवले की पिट्ठी को स्टील की चलनी या कद्दूकस के चिकने वाले हिस्से या सूत के कपड़े में घिसें जिससे रेशे अलग हो जाएँ I यहाँ उदेश्य रेशे अलग करना है I
- अगर रेशे न निकाल सकें तो मिक्सी में डालकर पेस्ट बना लें फिर नम्बर 6 के अनुसार आगे बढ़ें I
- रेशे निकले आँवले की पिट्ठी को बतलाए अनुसार घी या तिल तेल + घी में मंदी आँच (स्विम) में तब तक तलें, जब तक आँवले की पिट्ठी घी या तेल लगभग पूरा न छोड़ दें I भोजन पकाते वक्त जब इसे बनाएँ तब समय-समय पर चलाते रहें I समय अभाव पर इसे बिच में रोक दें एवं पुनः समय मिलने पर पिट्ठी बना लें I ज्यादा पिट्ठी बन जाय तो तौलकर प्लास्टिक के डब्बे में रख दें, यह एक वर्ष तक रखी जा सकती है I
- कूकर खली करते ही च्यवनप्राश पाउडर को जो 24 घंटे पहले एक किलो पानी में फूल रहा है एवं आँवले का निकला पानी मिलाकर धीमी आग पर पर दो घंटे तक उबलने दें (यहाँ उदेश्य क्वाथ को धीमे- धीमे उबालना है, सिटी अवश्य लगी होनी चाहिए I जितना स्विम में रहेगा उतना ही अच्छा है) I
- क्वाथ को ठण्डा होने पर छानकर दें I
- छने पानी को लगभग 12 घंटे रख दें, जिससे कीट नीचे बैठ जाए, छने पानी के साथ कीट नहीं जाने पाए, क्योंकि कीट कड़वाहट ला देती है I
- छना पानी+1500 ग्राम शक्कर लेकर थोड़ी देर उबालें, बीच में उबले दूध के हल्के छीटें मार लें जिससे मैल ऊपर आ जाय फिर मैल अलग कर दें I
- रखे रहने के कारण भूंजी पिट्ठी में अगर काले रंग की कड़ी पपड़ी पड़ गई है तो पपड़ी को अलग कर मसलकर पिट्ठी के समान चिकना कर पिट्ठी में मिला लें I पिट्ठी को प्रारम्भ से ढककर रखें I जब चासनी 3 तार की तैयार हो जाय तब भुने आँवले की पिट्ठी को चासनी में डाल लें एवं बर्तन को चूल्हे से अलग कर खूब घोंटें I या पिट्ठी को अलग बर्तन में लेकर उसमें 3 तार वाली चासनी डालकर पेस्ट बना लें फिर पेस्ट को चासनी में डालकर एक रस कर लें I
- जब गुनगुन (हल्का गरम) हो तब 6 से 12 तक का पाउडर थोड़ा- थोड़ा डालकर घुटाई करें I
- जब लगभग ठण्डा हो जाय तब शहद डालकर पूरी तरह मिला लें I
- 24 घंटे तक ठण्डा होने हेतु रखें I लगभग ढाई किलो च्यवनप्राश तैयार है I
- अगर ज्यादा आँवले का बनाना है तो तदानुपात में अन्य सामग्री भी बढ़ा लें, आँवले का बनाना है तो सामग्री में 3 से गुणा कर जितनी बैठे उतनी सामग्री लेना है, पर चाशनी 3 तार की ही होगी I
- च्यवनप्राश ज्यादा गाढ़ा या पतला (नरम) करना है तो चाशनी को क्रमशः थोड़ी गाढ़ी या पतली कर दें I अगर ज्यादा कड़ा हो गया हो तो 3 चम्मच घी+20 चम्मच पानी मिलाकर गर्म कर लें, पानी खौलते ही गाढ़ा च्यवनप्राश उसमें डाल दें I एकसार होते ही उतारकर ठण्डा कर लें I विशेष बना रहे हों तो वंशलोचन की जगह कुछ न डालें I
नोट :-
- अगर घी 125 ग्राम लेंगे तो और भी उतम होगा I
- रेशे न निकले च्यवनप्राश को 3 माह में उपयोग कर लेना चाहिए I
- जब हर आँवला या पिट्ठी न हो तो सूखे आँवले के पाउडर से च्यवनप्राश बना लें I
विधि :-
100 ग्राम आँवला के पाउडर को जो एक किलो हरे आँवले के समान है, को गीले आटे के समान गूँथ लें और इसे 12 घंटे रखा रहने दें I फिर इसमें 30 ग्राम घी डालकर मंदी आंच में भुनें (तलें), जब पिट्ठी के समान हो जाय और लगभग पूरा घी छोड़ दे, उतार लें, पिट्ठी तैयार है I
- विशेष बनाने हेतु ढाई किलो च्यवनप्राश में केशर-3 ग्राम, मकरध्वज-4 ग्राम, चाँदी वर्क-10 पते, शुक्ति भस्म-12 ग्राम, प्रवाल भस्म-12 ग्राम, अभ्रक-15 ग्राम I भस्मों, केशर, मकरध्वज को आयु एवं आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार कम भी कर सकते हैं I केशर एवं मकरध्वज अलग- अलग बारीक घोंटकर, फिर भस्म में मिलकर पुनः घुटाई करें I फिर 50 ग्राम शहद को सभी में मिलाएँ इसके पश्चात् च्यवनप्राश में थोड़ा- थोड़ा डालकर मिलावें, 1 दिन बर्तन में खुला रखें फिर डिब्बे में बंद रखें I
पाउडर च्यवनप्राश बनाने की विधि :-
38 जड़ी- बूटियों के क्वाथ (काढ़ा) में चीनी डालकर पानी सूख जाने तक उबालें और क्वाथ का बूरा (पाउडर) बना लें I पिट्ठी गर्म करके घी निकालकर अलग कर लें फिर पिट्ठी को थोड़ी- थोड़ी हाथ से मलकर बूरा में मिलाएँ I 6 से 12 तक के पाउडर मिला दें I रस भस्म डालना है तो क्वाथ बनाते वक्त ही डाल दें I
च्यवनप्राश के लाभ :-
- भूख बढ़ाता है I
- खाँसी, साँस, वात- पित रोगनाशक I
- शुक्र एवं मूत्र दोषी हरने वाला I
- बुद्धी एवं स्मरण- शक्तिवर्धक I
- प्रसन्नता, वर्ण एवं कांतिवर्धक I
- विटामिन- सी के अधिकता के कारण जीवनीशक्ति, स्फूर्ति एवं प्रसन्नता बढ़ती है I
- वृधावस्ता में नौजवानों सी स्फूर्ति एवं प्रसन्नता देने वाला I
सेवन विधि :-
एक चम्मच प्रातः 7:00 बजे एवं एक चम्मच सायं 4.00 बजे दूध के साथ I
नोट :-
बूरा बनाते वक्त घी एवं खटाई बिल्कुल न पड़े अन्यथा बूरा नहीं बनेगा I इसलिए क्वाथ में आँवले का पानी न डालें I