गुलकंद का प्रयोग और गुलकंद बनाने की विधि के बारे में जाने
उपयोग :-
पेट एवं शारीर की जलन में, मस्तिक उतेजना एवं कब्ज दूर करना, मासिक धर्म की अधिक रक्त जाने पर एवं हाथ पैर, तलवों व आँख की जलन को कम करता है I
सामग्री :-
- गुलाब के फूल – 250 ग्राम
- शक्कर – 1/2 किलो (गुलाब के फूल से शक्कर दूनी मात्रा में ली जाती है I )
बनाने की विधि :-
- गुलाब के फूलों से पंखुड़ियाँ अलग कर लेवें एवं साफ कर लें I
- गुलाब की पंखुड़ियों में शक्कर लगा – लगाकर बर्तन में रखते जाएँ I जब बर्तन भर जाय तब ढक्कन लगाकर ऊपर से कपड़ा बाँध कर धूप में रख दें I
या
बर्तन में पहले एक तरह (लेयर) शक्कर की छिला दें, फिर उसके ऊपर एक तह गुलाब की पंखुड़ियों की, फिर उसके ऊपर शक्कर की एक तह बिछा दें I इस प्रकार करते – करते बर्तन के मुँह तक पहुँच जाएँ I सबसे ऊपर शक्कर की तह जरुरी है I फिर बर्तन का मुँह बंद कर कपड़े से मुँह बाँधकर धूप में रख दें I 2 माह में गुलकंद तैयार है I
- जल्दी तैयार करना है, तब गीली मिट्टी लेकर बर्तन को मिट्टी से ढक देते हैं I सुखाने पर गोबर से लीप देते हैं एवं धूप में ही रखा रहने देते हैं I एक माह में गुलकंद तैयार हो जाता है I
विशेष बनाने हेतु :-
एक किलो गुलकंद में 15 ग्राम प्रवाह पिष्टी मिला देने पर विशेष लाभकारी हो जाता है I