पेन की स्याही बनाने का तरीका

पेन की स्याही बनाने का तरीका बिलकुल सरल है आप इस विधि को जानकर आसानी से पेन की स्याही बना सकते हैं |
  1. पेन की रायल ब्ल्यू स्याही

पेन की स्याही बनाने का सामग्री :

  1. इंक ब्ल्यू (रंग)  –   50 ग्राम
  2. मिथायल वायलेट (रंग) –   15 ग्राम
  3. सी० एम० सी०   –   15 ग्राम
  4. इथायलीन ग्लायकोल –   60 सी०सी०
  5. फिनोल –     2 ग्राम
  6. एसीटोन –   30 सी० सी०
  7. डिस्टिल्ड वाटर –     2 लीटर

पेन की स्याही बनाने की विधि :

डिस्टिल्ड वाटर मे से लगभग 500 सी०सी० पानी अलग निकाल लें और उसमे सी०एम०सी० को घोल लें | एक अन्य बर्तन में 500 सी०सी० पानी में रंग घोल लें और फिर रंग के इस घोल में सी०एम०सी० का तैयार रखा घोल भी मिला लें | इसके बाद इस घोल में शेष पानी तथा अन्य रचक भी मिला लें और प्लास्टिक या काँच के किसी जार या अमृतबान में भरकर और ढककर लगभग एक सप्ताह तक रखा रहने दें | इस बीच इस घोल को प्रतिदिन एक – दो बार अच्छी तरह हिला – चला दिया करें ताकि इसमें पड़े समस्त रचक, सारे घोल में समान रूप से तथा अधिक अच्छी तरह घुल – मिल जायें | फिर इस तैयार स्याही को ‘ फिल्टर पेपर ’ किसी अन्य उपयुक्त माध्यम में से छानकर, आवश्कतानुसार साईज की शीशियाँ या बोतलों में पैक कर लें |

नोट :

  1. यदि पेन की स्याही में प्रति लीटर में लगभग 20 – 30 सी०सी० तक मात्रा में कोई उपयुक्त सौल्वैंत मिला लिया जाये तो इसके प्रभाव से, लिखाई जल्दी सुख जाती है, परन्तु पेन की ट्यूब में नही सूखती और निब तथा रबड़ ट्यूब को हानि नहीं पहुंचाती | इस उदेश्य के लिए इथायल ग्लायकोल या मिथायल सैलो साल्व अथवा ग्लिसरीन (सी०पी० क्वालिटी की) में से कोई एक सौल्वैंत इस्तेमाल किया जा सकता हैं |
  2. पैन इंक्स बनाने के लिए हमेशा डिस्टिल्ड वाटर काम में लाना चाहिए | साधारण पानी में कई खनिज – लवण तथा अशुद्धियाँ मिली हो सकती हैं, जो पैन की निब तथा ट्यूब को भी हानि पहुँचाती हैं और स्याही के रंग को भी प्रभावित करती हैं |
  3. इन स्याहियों में ‘फिनायल’ या कोई अन्य रचक ‘संरक्षक – पदार्थ’ के रूप में इसलिए मिलाते हैं, जिससे कि यह बहुत दिनों स्टाक में रखे रहने पर भी खराब न हो और इसमें जाली या फफूँदी न पड़ने पाये |

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