गौमूत्र हरड़े चूर्ण बनायें

आप गौमूत्र हरड़े चूर्ण इस विधि के अनुसार अपने घरो में असानी से बना सकते हैं |

गौमूत्र हरड़े चूर्ण का उपयोग :- एसिडिटी, गैस बनना, अपच, पेट दर्द, पाचक बढ़ाने वाला, कब्ज, अम्ल – पितनाशक I

गौमूत्र हरड़े चूर्ण का सामग्री :-

  1. जौ हरड़े (छोटी हरड़े) –    1 किलो पाउडर
  2. बढ़िया अजवायन–    2 किलो
  3. काली मिर्च  –    250 ग्राम
  4. जवा खार –    60 ग्राम
  5. बढ़िया हींग –    60 ग्राम
  6. अरण्डी तेल –    100 ग्राम
  7. गाय का घी  –    40 ग्राम
  8. कला नमक  –    40 ग्राम
  9. सेंधानामक  –    600 ग्राम
  10. गौमूत्र –    आवश्यकतानुसार

गौमूत्र हरड़े चूर्ण बनाने की विधि :-

          पहले छोटी हरड़े (हरितिकी) 1 किलो को 5  दिन तक गौमूत्र में किसी लोहे के बर्तन या स्टील के बर्तन में भिगोएँ I हर दिन गौमूत्र पलटें और नया गौमूत्र डालें I छठवें दिन अरण्डी तेल 100 ग्राम में कढ़ाई में मंद – मंद आंच में गौमूत्र से निकाली हरड़े भुनें I जब सिंक जावें, गौमूत्र की चिपचिपाहट मिट जाय तब उतार लें I सिकने से सुख जाएँगी, गीलापन नहीं रहेगी, फूल जाती है I

गाय का घी 40 ग्राम में हींग 60 ग्राम मंद आंच पर सेंके लेवें I कम से कम आंच लगाएँ I अब सिकी हुई हरड़े (1 किलो), भुनी हुई हींग (60 ग्राम) तथा उपरोक्तानुसार सभी सामग्री मिलाकर बारीक चूर्ण मशीन से या हाथ से कूट – पीसकर बारीक से बारीक चलनी में छानें (किसी कपड़े से न छानें) I बारीक चलनी में छानने के बाद खरल में थोड़ा – थोड़ा लेकर खूब रगड़ें, बारीक से बारीक रगड़ने पर ही गुणकारी होगा I जितनी बारीक होगा, उतना ही शीघ्र लाभकारी होगा I हींग जितनी अच्छी होगी, परिणाम उतना ही अच्छा होगा I

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